नर्क में भी “भारतीय जुगाड़” (“Indian Jugaad” even in hell – magicneed story)

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नर्क में भी "भारतीय जुगाड़" ("Indian Jugaad" even in hell - magicneed story)

नर्क में भी “भारतीय जुगाड़”: magicneed story,

“Indian Jugaad” भारतीय जुगाड़ के नाम से यह स्टोरी मैजिक नीड के द्वारा आप सब के लिए प्रस्तुत करी गयी है इस हास्य पद कहानी के साथ साथ आपको इसमें कुछ सीखने को भी मिल सकता है, तो उम्मीद है आप को जरूर पसंद आएगी हमारी यह स्टोरी।

एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई। जैसे ही उसने आंखें खोलीं, खुद को नर्क के दरवाज़े पर पाया।
चारों ओर सन्नाटा, लेकिन एक बोर्ड चमक रहा था – आप किसी भी देश के नर्क में प्रवेश कर सकते हैं!”

नर्क में भी "भारतीय जुगाड़" ("Indian Jugaad" even in hell - magicneed story)

उसे थोड़ा अजीब लगा, पर सोचा – “चलो पहले अमेरिकन नर्क की सैर कर ली जाए।”

वह वहां पहुंचा और दरवाज़े पर खड़े गार्ड से पूछा –
“भाई साहब, यहां सजा-वजा का क्या सीन है?”

गार्ड बोला –
“सरल सी बात है।

  • पहले आपको एक इलेक्ट्रिक चेयर पर बैठा कर एक घंटा तेज़ करंट दिया जाएगा।
  • फिर कीलों वाले बिस्तर पर एक घंटा लिटाया जाएगा।
  • और अंत में, एक विशालकाय दैत्य आएगा और आपकी जख्मी पीठ पर 50 कोड़े मारेगा।”

यह सुनते ही उसकी रूह कांप गई।
बोला – “भाई, ये तो बहुत ज़्यादा है! चलो, रशियन नर्क देखता हूं।”

वह वहां गया… और गार्ड ने लगभग वही सज़ा दोहराई।
फिर एक-एक करके उसने चाइनीज़, जर्मन, फ्रेंच, ब्राज़ीली… हर देश का नर्क घूम डाला।
हर जगह एक ही पैटर्न – इलेक्ट्रिक चेयर, कीलों का बिस्तर और 50 कोड़े!

वो थक-हारकर एक कोने में पहुंचा…
जहां बोर्ड टंगा था –


“भारतीय नर्क”


और वहां तो लंबी लाइनें लगी थीं! लोग धक्का-मुक्की कर रहे थे कि पहले मैं जाऊं, पहले मैं जाऊं!

उसने हैरान होकर पूछा –
“यहां इतनी भीड़ क्यों है? सजा तो यहां भी वही है ना?”

गार्ड मुस्कराया और धीरे से बोला –
“सजा तो वही है… लेकिन ये भारतीय सिस्टम है न भाई!”

“मतलब?”

गार्ड ने आंख मारते हुए कहा – “”Indian Jugaad”

  • “इलेक्ट्रिक चेयर तो है, लेकिन बिजली अक्सर कट रहती है।
  • कीलों वाला बिस्तर है, लेकिन कीलें कबाड़ी को बेच दी गई हैं।
  • और जो दैत्य कोड़े मारने आता है, वो सरकारी ठेके से आया कर्मचारी है।
    पहले साइन करता है, फिर चाय-समोसे के लिए निकल जाता है।”

“और अगर गलती से कभी वक़्त पर लौट भी आया,
तो दो-तीन कोड़े मारता है और रिपोर्ट में लिख देता है – पचास पूरे हो गए।

सीख:

जहां सिस्टम कमजोर हो, वहां सजा भी मज़ाक बन जाती है।
और भारतीय जुगाड़ का जवाब नहीं — चाहे वो नर्क ही क्यों न हो!

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