किस नदी की जल भंडारण क्षमता सबसे कम है? Which river has the lowest water storage capacity? GK Question.

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Which river has the lowest water storage capacity

Which river has the lowest water storage capacity: प्रतियोगी परीक्षाओं में अक्सर प्रश्न आता है, किस नदी की जल भंडारण क्षमता सबसे कम है, लेकिन यह सामान्य सा प्रश्न दो अलग अलग प्रश्नों में बंट जाता है और अक्सर इस प्रश्न का उत्तर देते समय परीक्षार्थी उच्च सामान्य सी गलतियाँ कर देते हैं। वो सारी गलतियाँ, यहाँ इस लेख में सुधार दी गई हैं। इसलिए जीवन में जब भी इस प्रश्न के बारे में आपसे उत्तर पूछा जाए तो आपको उत्तर एकदम सटीक ही देना है।

ध्यान यह देना है कि – हम जो भी प्रश्न यहाँ लेते हैं वो प्रश्न अलग – अलग परीक्षाओं में पहले से पूछे जा चूके होते हैं।

Which river has the lowest water storage capacity
Which river has the lowest water storage capacity

आज का मुख्य प्रश्न है – किस नदी की जल भंडारण क्षमता सबसे कम है? (Which river has the lowest water storage capacity?)

kis Nadi ki jal bhandaran kshamta sabse kam hai?

सभी परीक्षार्थी इस प्रश्न के अधिकतर दो उत्तर दे डालते हैं,

  1. पहला उत्तर बनता है ब्राह्मण नदी और,
  2. दूसरा उत्तर बनता है ब्रह्मपुत्र नदी.

लेकिन इन दोनों उत्तरों में कुछ विभिन्नताएं हैं जिसे हम इस लेख में यहाँ समझने वाले हैं।

ब्राह्मणी नदी (Brahmani River) की जानकारी

भारत में ब्राह्मणी नदी (Brahmani River) को अक्सर उन नदियों में गिना जाता है जिनकी जल-भंडारण क्षमता सबसे कम मानी जाती है। इसके मुख्य कारण इस प्रकार हैं:

  1. छोटा जलग्रहण क्षेत्र – ब्राह्मणी नदी का कैचमेंट एरिया गंगा-गोदावरी जैसी बड़ी नदियों की तुलना में काफी छोटा है, इसलिए इसमें प्राकृतिक रूप से कम पानी इकट्ठा होता है।
  2. कम वार्षिक प्रवाह – पूर्वी भारत में स्थित होने के कारण इस नदी का औसत वार्षिक प्रवाह भी कम है, जिससे जल संग्रहण सीमित रह जाता है।
  3. कम बड़े बाँध और जलाशय – नदी पर बड़े पैमाने के रेज़र्वोयर या मल्टी-पर्पज़ डैम बहुत कम हैं, जिससे जल भंडारण क्षमता और घट जाती है।
  4. तेज़ बहाव व उथला तल – नदी का प्रवाह तेज़ और तल अपेक्षाकृत उथला होने के कारण पानी लंबे समय तक रुक नहीं पाता।
  5. बदलता मानसूनी पैटर्न – पूर्वी भारत में बदलते मानसून की वजह से वर्षा अनियमित होती है, जिससे नदी में स्थायी जल-स्तर कम रहता है।

ब्राह्मणी नदी को किसी और नाम से भी जानते हैं क्या?

ब्राह्मणी नदी (Brahmani River) को किसी दूसरे “आधिकारिक” नाम से नहीं जाना जाता,
लेकिन इसे दो नदियों के संगम से बनी नदी के रूप में जाना जाता है—यही इसका एक तरह से दूसरा परिचय माना जाता है:

ब्राह्मणी नदी का निर्माण

यह नदी दक्षिण कोयल (South Koel) और सांख (Sankh) नदियों के संगम से बनती है।
कई स्थानीय लोग इसे कोयल–सांख प्रणाली (Koel–Sankh River System) के नाम से भी जानते हैं।

 स्थानीय स्तर पर

कभी–कभी इसे इसके उद्गम क्षेत्र में  दक्षिण कोयल–सांख संगम नदी के रूप में भी संदर्भित किया जाता है, लेकिन इसका आधिकारिक व प्रचलित नाम ब्राह्मणी नदी ही है।

ब्रह्मपुत्र नदी (Brahmaputra River) की जानकारी

ब्रह्मपुत्र नदी की जल-भंडारण क्षमता को दुनिया की प्रमुख नदियों में सबसे कम माना गया है।
यह बात पहली नज़र में अजीब लगती है क्योंकि ब्रह्मपुत्र बहुत विशाल और शक्तिशाली नदी है, लेकिन कारण वैज्ञानिक हैं।

 क्यों ब्रह्मपुत्र की जल-भंडारण क्षमता सबसे कम मानी जाती है?

  1. तेज़ और अनियंत्रित प्रवाह
    ब्रह्मपुत्र दुनिया की सबसे वेगवान नदियों में है। इसका प्रवाह इतना तेज़ है कि पानी को रोकना या संग्रहित करना तकनीकी रूप से बहुत कठिन हो जाता है।
  2. अत्यधिक सिल्ट (गाद) जमा होना
    हिमालय से भारी मात्रा में गाद बहकर आती है। इससे नदी की गहराई कम होती जाती है, और बड़े जलाशय बनाना मुश्किल हो जाता है।
  3. विस्तृत बाढ़ मैदान
    नदी का फैलाव बहुत चौड़ा है। मानसून में यह कई गुना चौड़ी हो जाती है, जिससे स्थिर जल भंडारण संभव नहीं हो पाता।
  4. कम बड़े जलाशय और बाँध
    तीव्र भूगर्भीय गतिविधि वाले क्षेत्रों में बड़े बाँध बनाना जोखिम भरा होता है, इसलिए इस नदी पर विशाल रेज़र्वोयर बहुत कम हैं।
  5. भूकंपीय क्षेत्र
    ब्रह्मपुत्र घाटी उच्च भूकंपीय ज़ोन में है। यहाँ बड़े जलाशयों का निर्माण सुरक्षा के लिहाज़ से चुनौतीपूर्ण है।
Which river has the lowest water storage capacity
Which river has the lowest water storage capacity

 इन दोनों नदियों के बीच महत्वपूर्ण अंतर क्या है?  

ध्यान दीजिये केवल अगर सिर्फ भारत की ही बात हो रही है और प्रश्न स्थानीय नदी के बारे में किया जा रहा है तो, स्थानीय तुलना में ब्राह्मणी नदी की जल भंडारण क्षमता कम है,
लेकिन  प्रश्न अगर पुरे विश्व के बारे में पूछा जा रहा है तो,  वैश्विक स्थान पर प्रमुख नदियों की तुलना में ब्रह्मपुत्र नदी की स्टोरेज जल भंडारण”to-flow ratio सबसे कम मानी जाती है।
इसलिए दोनों कथन अलग संदर्भ में सही हैं।

केवल इतनी छोटी सी जानकारी न होने से ही परीक्षार्थियों के प्रश्न कट जाते हैं, इस प्रकार यह जनरल नॉलेज के प्रश्न अपने आप में बहुत कीमती होते हैं और इन्हीं छोटे – छोटे प्रश्नों के के सही उत्तर दे कर ही विद्यार्थी परीक्षा को पास करते हैं।

इन दोनों नदियों का उद्गम(Origin स्थान कहाँ है और संगम(Mouth)  कहाँ हैं ?

1. ब्राह्मणी नदी (Brahmani River)

 उद्गम स्थान (Origin)

ब्राह्मणी नदी दो नदियों—दक्षिण कोयल (South Koel) और सांख (Sankh)—के संगम से बनती है और इनका संगम, रारो (Raro), राउरकेला के पास, झारखंड में होता है, यहीं से ब्राह्मणी नदी की शुरुआत मानी जाती है। दिए गए मानचित की सहायता से आप इसे सही से समझ सकते हैं.

 अंत (Where it flows into)

ब्राह्मणी नदी ओडिशा में द्वारिका नदी के साथ मिलकर ब्रह्माणी-बैतरणी डेल्टा बनाती है और अंत में बंगाल की खाड़ी (Bay of Bengal) में गिरती है।

2. ब्रह्मपुत्र नदी (Brahmaputra River)

 उद्गम स्थान (Origin)

ब्रह्मपुत्र नदी का उद्गम तिब्बत के मानसरोवर  के पास, अंग्सी ग्लेशियर (Angsi Glacier)
या चेमायुंगदुंग (Chemayungdung mountain) पर्वत क्षेत्र में माना जाता है, यह पर्वत अभी तिब्बत का भाग है ,तिब्बत में इसे यारलुंग त्सांगपो (Yarlung Tsangpo) नाम से जाना जाता है।

 अंत (Where it flows into)

ब्रह्मपुत्र भारत और बांग्लादेश से होकर बहती हुई गंगा नदी के साथ मिलकर एक विशाल डेल्टा बनाती है और अंत में बंगाल की खाड़ी (Bay of Bengal) में गिर जाती है।

Google Maps पर नदी का मार्ग कैसे देखें?

अगर आप इन दोनों नदियों के प्रवाहित मार्ग को गूगल पर देखना चाहते है तो गूगल मैप पर आप किस प्रकार देख सकते हूं

आप Google Maps पर किसी भी नदी का पूरा प्रवाह-मार्ग (origin → route → end point) आसानी से देख सकते हैं, यहाँ सरल और सटीक तरीका दिया है जिससे आप ब्राह्मणी नदी और ब्रह्मपुत्र नदी दोनों को देख पाएँगे

1) Google Maps खोलें

2) जिस नदी को देखना है, उसका नाम सर्च करें

सर्च बार में टाइप करें:

  • “Brahmani River” (ब्राह्मणी नदी)
  • “Brahmaputra River” (ब्रह्मपुत्र नदी)

Enter करें।

3) नदी हाईलाइट दिखाई देगी

Google Maps अपने आप नदी को नीले रंग की एक लंबी लाइन के रूप में दिखाता है।

आप ज़ूम करके इस लाइन को लगातार फॉलो कर सकते हैं।

 पूरा नदी मार्ग देखने के आसान तरीके

 (A) ज़ूम आउट पूरा मार्ग देखने के लिए

  • मानचित्र को थोड़ा ज़ूम-आउट करें
  • आपको नदी का पूरा रास्ता—उद्गम से अंत तक—दिखने लगेगा

(B) “Satellite” व्यू में देखें

नीचे दाईं ओर Layers (स्तर) का आइकन दबाएँ → Satellite चुनें।

इससे नदी का मार्ग प्राकृतिक स्वरूप में बहुत स्पष्ट दिखेगा।

(C) ‘Measure Distance’ से मार्ग ट्रेस कर सकते हैं

अगर आप खुद पूरा रास्ता खींचना चाहें:

  • नदी के शुरुआती बिंदु पर Long press करें
  • “Measure distance” चुनें
  • नदी के मार्ग पर-पर टैप करते जाएँ
  • आपको पूरा रास्ता और दूरी दिख जाएगी

Google Maps पर ब्राह्मणी नदी कैसे देखें?

  1. सर्च करें: “Brahmani River Rourkela origin”
  2. संगम (Koel + Sankh) से शुरू होती लाइन को फॉलो करें
  3. ओडिशा तक नीचे जाएँ
  4. अंतिम हिस्सा: Bay of Bengal

Google Maps पर ब्रह्मपुत्र नदी कैसे देखें?

  1. सर्च करें: “Yarlung Tsangpo River” (तिब्बत वाला भाग)
  2. फिर मार्ग को फॉलो करते-करते हुए अरुणाचल → असम → बांग्लादेश तक जाएँ
  3. अंत में देखें जहाँ यह गंगा से मिलकर Bay of Bengal में जाती है

निष्कर्स

आखिर अंत में हम आपसे निवेदन करना चाहेंगे कि प्रश्न के उत्तर को आप ठीक से समझ चूके होंगे और हमने अपनी तरफ से पूरी कोशीश करी है कि आपको सही जानकारी प्राप्त हो जाए। आगे से जब भी आप परीक्षा में इस प्रश्न का उत्तर देंगे तो आप गलती नहीं करेंगे। आपको लेख कैसा लगा अपना विचार जरूर बताये।

ब्रह्मपुत्र और ब्राह्मणी भारत की दो महत्वपूर्ण नदियाँ हैं, जिनके प्रवाह, जल-भंडारण, बाँध, पर्यावरणीय भूमिका और भूगोल की जानकारी स्कूल परियोजनाओं से लेकर प्रतियोगी परीक्षाओं तक बेहद उपयोगी है। इन नदियों का अध्ययन भारत के जल संसाधनों और प्राकृतिक संरचना को समझने में अहम योगदान देता है।

ब्रह्मपुत्र और ब्राह्मणी नदी से सम्बंधित – महत्वपूर्ण प्रश्न एवं उत्तर (FAQ)

प्रश्न 1: ब्राह्मणी नदी की जल-भंडारण क्षमता कम क्यों मानी जाती है?

उत्तर:
ब्राह्मणी नदी का जलग्रहण क्षेत्र छोटा है, प्रवाह तेज़ है और इस पर बड़े जलाशय कम बने हैं। नदी का तल भी उथला है और मानसूनी वर्षा अनियमित होने के कारण इसकी प्राकृतिक जल-भंडारण क्षमता सीमित रहती है।

प्रश्न 2: ब्रह्मपुत्र नदी की जल-भंडारण क्षमता कम क्यों कही जाती है?

उत्तर:
ब्रह्मपुत्र दुनिया की सबसे तेज़ और चौड़ी नदियों में से एक है। इसमें हिमालय से भारी सिल्ट आती है, जिससे गहराई कम हो जाती है। यह भूकंपीय क्षेत्र में बहती है, जहाँ बड़े जलाशय बनाना जोखिम भरा है। इस कारण इसका ‘स्टोरेज-टु-फ्लो रेशियो’ अन्य बड़ी नदियों की तुलना में बहुत कम है।

प्रश्न 3: ब्राह्मणी नदी का उद्गम स्थान क्या है और यह कहाँ मिलती है?

उत्तर:
ब्राह्मणी नदी झारखंड के रारो, राउरकेला के पास दक्षिण कोयल और सांख नदियों के संगम से बनती है। यह ओडिशा से होकर बहती हुई अंत में बंगाल की खाड़ी में गिरती है।

प्रश्न 4: ब्रह्मपुत्र नदी कहाँ से निकलती है और अंत में कहाँ जाती है?

उत्तर:
ब्रह्मपुत्र नदी का उद्गम तिब्बत के अंग्सी ग्लेशियर में होता है, जहाँ इसे यारलुंग त्सांगपो कहा जाता है। यह अरुणाचल प्रदेश और असम से बहकर बांग्लादेश में गंगा से मिलती है और बंगाल की खाड़ी में गिरती है।

प्रश्न 5: रेंगाली बाँध (Rengali Dam) किस नदी पर बना है?

उत्तर:
रेंगाली बाँध ब्राह्मणी नदी पर बना है और यह ओडिशा का एक महत्वपूर्ण बहुउद्देशीय बाँध है।

इन दोनों नदियों की जानकारी क्यों जरूरी है?

1. भौगोलिक समझ

भारत के पूर्वोत्तर और पूर्वी भाग में जल संसाधन, बाढ़ प्रबंधन और कृषि इन नदियों से गहराई से प्रभावित होते हैं।

 2. जल-भंडारण और बाढ़ नियंत्रण

ब्रह्मपुत्र और ब्राह्मणी दोनों नदियों में बाढ़ की संभावनाएँ अधिक होती हैं। इनके प्रवाह और भंडारण क्षमता की समझ आपदा प्रबंधन में अत्यंत आवश्यक है।

 3. ऊर्जा उत्पादन

रेंगाली बाँध जैसे प्रोजेक्ट हाइड्रोपावर और सिंचाई प्रदान करते हैं। नदी-ज्ञान विकास परियोजनाओं के लिए मूलभूत है।

 4. पर्यावरणीय महत्व

दोनों नदियाँ जैव–विविधता से भरपूर क्षेत्र बनाती हैं, जहाँ पारिस्थितिकी का संरक्षण बेहद जरूरी है।

इन नदियों के बारे में क्या–क्या जानना चाहिए?

 उद्गम स्थल – नदी कहाँ से शुरू होती है, यह भूगोल समझने के लिए महत्वपूर्ण है।

 प्रवाह मार्ग – नदी का मार्ग—कौन–कौन से राज्य व इलाके, संस्कृति और अर्थव्यवस्था प्रभावित करते हैं।

 जल-भंडारण क्षमता – सिंचाई, पेयजल, बाढ़ नियंत्रण और बिजली उत्पादन पर इसका सीधा प्रभाव होता है।

 प्रमुख परियोजनाएँ – जैसे रेंगाली बाँध, ब्रह्मपुत्र घाटी विकास प्रोजेक्ट आदि।

 संगम और अंत – नदी कहाँ जाकर मिलती है—यह नदी नेटवर्क और डेल्टा निर्माण के लिए महत्वपूर्ण है।

अपनी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए इसी प्रकार के हमारे और भी अच्छे लेखें हैं, उन्हें पढ़ते रहे और अपनी परीक्षाओं को उत्तीर्ण करते रहें, मेजिक नीड की शुभकामनाएं आप सबके साथ हैं।

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