Bump Indicator Test से कैसे पता लगाते हैं की रोड़ की मरम्मत करनी है या रोड़ पर दुबारा से ओवर लेइंग करनी है?
यही सब इस लेख के माध्यम से आप जानने वाले हैं कुछ विशेष तकनीकी जानकारिया जो आपके बहुत ही काम आने वाली हैं
सड़क की राइडिंग क्वालिटी (riding quality test) तकनीकी भाषा में कहें तो सड़क पर गाड़ी चलाने का अनुभव कितना सहज है, इसे मापने के लिए कई तरह के टेस्ट इंजिनियर द्वारा किए जाते हैं,
जिनका वर्णन अक्सर schedule-j या schedule-k जैसे नामों से इंजिनियर करते हैं, प्रोजेक्ट कम्पलीशन या प्रोजेक्ट मेंटेनेंस समय में इन टेस्टों का बहुत ही प्रयोग किया जाता है, इन्हीं में से एक है बंप इंडिकेटर टेस्ट (Bump Indicator Test), जिसे अनइवननेस टेस्ट (Unevenness Test) भी कहा जाता है। यह टेस्ट सड़क सतह की समतलता और ऊबड़-खाबड़पन (unevenness) को परखने का सबसे आसान और कारगर तरीका है।

बंप इंडिकेटर टेस्ट क्या है?
बंप इंडिकेटर टेस्ट एक मैकेनिकल या इलेक्ट्रो-मैकेनिकल उपकरण से किया जाता है, इसकी टेस्टिंग मशीन को वाहन के साथ लगा दिया जाता है। जब यह वाहन सड़क पर एक निर्धारित गति से चलता है, तो उपकरण सड़क की राइडिंग प्रोफाइल जैसे ऊँच-नीच और गड्ढों को रिकॉर्ड करता है। इन रिकॉर्ड्स के आधार पर एक मान निकाला जाता है जिसे अनइवननेस इंडेक्स (Unevenness Index – UI) कहते हैं।
यह मान दर्शाता है कि सड़क सतह कितनी समतल है और उस पर गाड़ी चलाने का अनुभव कितना आरामदायक होगा।
Bump Indicator Test की विधि
- परीक्षण के लिए बंप इंटीग्रेटर को एक मानक (ऐसा वाहन जो बिना किसी परेशानी के स्थिर गति से सड़क पर Bump Indicator मशीन को लेकर चल सके) वाहन में फिट किया जाता है।
- इस वाहन को 32 ± 2 किलोमीटर प्रति घंटा की स्थिर गति से सड़क और सड़क की प्रत्येक लेन में चलाया जाता है।
- उपकरण सड़क की सतह के कारण वाहन में होने वाले ऊर्ध्वाधर (vertical) झटकों को रिकॉर्ड करता है (चाहे वह बिटुमिन रोड हो या कंक्रीट सड़क)।
- Bump Indicator Test के परिणाम के लिए सभी प्राप्त रीडिंग और आंकड़ो से 1 किलोमीटर लंबाई पर कुल ऊर्ध्वाधर गति को जोड़कर UI (mm/km) निकाला जाता है।
Bump Indicator Test (अनइवननेस इंडेक्स) की श्रेणियाँ
अनइवननेस इंडेक्स (mm/km) | राइडिंग क्वालिटी | निर्णय |
< 2000 | बहुत अच्छा | कोई मरम्मत आवश्यक नहीं |
2000 – 3000 | अच्छा | सामान्य रख-रखाव (patching, sealing) |
3000 – 4000 | ठीक-ठाक | पतला ओवरले (20–40 mm) |
4000 – 5000 | खराब | मोटा ओवरले / रीसर्फेसिंग (40–50 mm) |
> 5000 | बहुत खराब | पुनर्निर्माण या बड़े स्तर की मरम्मत |
सड़क रख-रखाव और ओवरले का निर्णय
जैसा की उपर दी गई तालिका से स्पस्ट हो जाता है की बंप इंडिकेटर टेस्ट से प्राप्त परिणाम सीधे-सीधे यह तय करते हैं कि सड़क पर क्या कार्यवाही करनी है।
- अगर UI कम है → सड़क अच्छी स्थिति में है।
- अगर UI मध्यम है → छोटी-मोटी मरम्मत और पतली ओवरले पर्याप्त है।
- अगर UI अधिक है → मोटी ओवरले या resurfacing करनी होगी।
- अगर UI बहुत ज़्यादा है → सड़क को पूरी तरह पुनर्निर्मित करना पड़ सकता है।
हालाँकि, सिर्फ UI देखना पर्याप्त नहीं है। कभी-कभी सड़क की संरचनात्मक मज़बूती (strength) भी परखी जाती है, जिसके लिए बेंकलमैन बीम टेस्ट (Benkelman Beam Test) किया जाता है। दोनों टेस्ट के परिणामों को मिलाकर ही अंतिम निर्णय लिया जाता है।
Bump Indicator टेस्ट का महत्व
- यात्रियों की सुविधा: एक समतल सड़क पर गाड़ी चलाना आरामदायक और सुरक्षित होता है।
- वाहनों की उम्र: ऊबड़-खाबड़ सड़कें वाहन के सस्पेंशन और टायर को जल्दी खराब कर देती हैं।
- सड़क सुरक्षा: असमतल सड़कें दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ाती हैं।
- रख-रखाव योजना: समय रहते UI के आधार पर रख-रखाव करने से सड़क की उम्र बढ़ती है।
- आर्थिक लाभ: समय पर ओवरले और मरम्मत से महँगे पुनर्निर्माण की आवश्यकता देर तक टाली जा सकती है।
निष्कर्ष
बंप इंडिकेटर टेस्ट सड़क इंजीनियरिंग में एक अत्यंत उपयोगी और व्यावहारिक विधि है। यह न केवल सड़क की सतह की समतलता को मापता है, बल्कि सड़क रख-रखाव और ओवरले से संबंधित निर्णय लेने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सही समय पर इस टेस्ट का उपयोग करके हम न केवल यात्रा को सुरक्षित और आरामदायक बना सकते हैं, बल्कि करोड़ों रुपये की बचत भी कर सकते हैं।
अगले लेखों में आपको इस विषय से सम्बंधित अन्य सड़क के टेस्टों की जानकारी प्राप्त होगी जैसे rebound hammer test, Ultrasonic pulse velocity test, load bearing structure, network survey vehicle (nsv) Test.Schedule completion test….etc.
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